Biography of utkalmani gopabandhu das in hindi
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गोपबंधु दास
गोपबन्धु दास | |
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जन्म | 09 अक्टूबर 1877 सुआन्डो, पुरी ज़िला, ओड़िशा |
मौत | 17 जून 1928(1928-06-17) (उम्र 50 वर्ष), |
पेशा | कवि, दार्शनिक, सामाजिक कार्यकर्ता |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
उच्च शिक्षा | पुरी जिला स्कूल, रावेन्शा कॉलेज, कोलकाता विश्वविद्यालय |
काल | २०वीं शताब्दी |
उल्लेखनीय कामs | बन्दीर आत्मकथा, धर्मपद |
गोपबंधु दास (१८७७-१९२८) ओड़िशा के एक सामाजिक कार्यकर्ता, स्वतंत्रतता संग्राम सेनानी एवं साहित्यकार थे। उन्हें उत्कळ मणि के नाम से जाना जाता है। ओड़िशा में राष्ट्रीयता एवं स्वाधीनता संग्राम की बात चलाने पर लोग गोपबंधु दास का नाम सर्वप्रथम लेते हैं। ओड़िशा वासी उनको "दरिद्रर सखा" (दरिद्र के सखा) रूप से स्मरण करते हैं। ओड़िशा के पुण्यक्षेत्र पुरी में जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार के उत्तरी पार्श्व में चौक के सामने उनकी एक संगमर्मर की मूर्ति स्थापित है। उत्कल के विभिन्न अंचलों को संघटित कर पूर्णांग ओड़िशा बनाने के लिये उन्हांने प्राणपण से चेष्टा की। उत्कल के विशिष्ट दैनिक पत्र "समाज" के ये संस्थापक थे।
जीवनी
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